Parmarthi Sakhian
परमार्थी साखियाँयह पुस्तक महाराज सावन सिंह जी द्वारा सत्संगों में बयान की गई साखियों का संग्रह है। इन साखियों को भारत, ईरान, अरब और पूर्व के अन्य देशों के पारमार्थिक साहित्य में से लिया गया है। प्रत्येक साखी एक ख़ास आध्यात्मिक सत्य को उजागर करती है या नेक आचरण का एक उदाहरण प्रस्तुत करती है। कुछ कहानियाँ हँसानेवाली हैं और हमारी मूर्खता को प्रकट करती हैं, जबकि अन्य कहानियाँ हमारे कर्मों के प्रभाव, संतों की निर्मलता और उनकी संगति से होनेवाले लाभ को दर्शाती हैं। नए संस्करण में राधास्वामी सत्संग ब्यास के सतगुरुओं के जीवन से संबंधित कहानियाँ भी शामिल हैं। प्रत्येक साखी का आरंभ विश्व के आध्यात्मिक साहित्य में से लिए गए एक उदाहरण से होता है।A collection of stories or parables narrated by Maharaj Sawan Singh in his discourses that are drawn from the mystic literature of India, Iran, Arabia, and other Eastern countries. Each story illustrates a particular spiritual truth or example of conduct. Some of the stories are humorous, relating to our follies in life; others relate to the karmic implications of our actions, to the purity of the saints and the benefit of their company. This edition also includes stories drawn from the lives of the saints in the Radha Soami Beas line. Stories are introduced with quotations from the world's spiritual literature.English: Tales of the Mystic EastAuthor: Maharaj Sawan Singh Category: Mysticism in World Religions Format: Paperback, 296 Pages Edition: 23rd. 2005 ISBN: 978-93-80077-51-2 RSSB: HI-018-0 Price: USD 8 including shipping. Estimated price: EUR 7.57, GBP 6.57 |