Paras Se Paras
पारस से पारसयह पुस्तक हुज़ूर महाराज चरन सिंह जी की डेरा बाबा जैमल सिंह, ब्यास (पंजाब) में, विदेशी मेहमानों के साथ हुई चर्चाओं पर आधारित है। पुस्तक में महाराज सावन सिंह जी और महाराज जगत सिंह जी के साथ बिताए गए वक़्त की आपकी मीठी यादें दर्ज हैं। इसमें बाबा जैमल सिंह जी और महाराज सावन सिंह जी के प्रेमपूर्ण गुरु-शिष्य संबंध तथा बाबा जी के कुछ अन्य शिष्यों का ज़िक्र भी किया गया है। संतमत की परंपरा और संत-मार्ग की व्यापकता तथा डेरे के विकास के विषय में हुई बातचीत का विवरण भी दिया गया है। हुज़ूर महाराज जी ने मूलभूत आध्यात्मिक सत्यों को दृष्टांतों और कहानियों के माध्यम से समझाया है। उनके समझाने के ढंग में विवेक, कोमलता तथा विनोदशीलता का भव्य सम्मिश्रण देखने को मिलता है।This book is based on transcriptions of meetings with foreign guests at the Dera Baba Jaimal Singh, located in Beas, Punjab, India. During the meetings, Maharaj Charan Singh reminisces about his life with Maharaj Sawan Singh and Maharaj Jagat Singh; he reflects on the development of the Dera, the relationship of Baba Jaimal Singh with Maharaj Sawan Singh, some early disciples, the Sant Mat tradition, and the universality of the spiritual path. Using a conversational approach, humour, and gentle wisdom, Maharaj Charan Singh explains fundamental spiritual truths through anecdotes and stories.English: Spiritual HeritageAuthor: Maharaj Charan Singh Category: RSSB Tradition: The Masters Format: Paperback, 248 Pages Edition: 14th, 2014 ISBN: 978-93-88733-75-5 RSSB: HI-015-0 Price: USD 7 including shipping. Estimated price: EUR 6.62, GBP 5.75 |