Moksh Ke Marg
मोक्ष के मार्गमोक्ष के मार्ग में वेदों, उपनिषदों और भगवद्गीता का संक्षिप्त वर्णन दिया गया है। इसमें तर्कसंगत रूप से बताया गया है कि वैदिक काल में लोग अद्वैतवादी थे। भले ही वे परमात्मा को कई नामों से पुकारते थे परंतु वास्तव में उनका यही विश्वास था कि परमात्मा एक है। इस पुस्तक में आवागमन के चक्र से मुक्ति प्राप्त करने के लिए पिछली कई शताब्दियों के दौरान भारत में जो बहुत से मार्ग विकसित हुए हैं, उन्हीं का विवरण दिया गया है। इसमें मनुष्य की स्वभावगत विशेषताओं के साथ इस बात का भी वर्णन किया गया है कि प्रभु-प्राप्ति के लिए मनुष्य जन्म एक दुर्लभ अवसर है। इसमें परमार्थ के मार्ग पर चलनेवाले अध्यात्म के खोजियों के मार्गदर्शक के रूप में गुरु की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी बल दिया गया है। जो लोग प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में दिए आध्यात्मिक उपदेश के सार को समझना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक विशेष रूप से सहायक सिद्ध होगी। This book gives a brief description of the Vedas, Upanishads and the Bhagavad Gita. It argues that the early Vedic people were monotheistic - they believed in one God even though they addressed God with various names. The book unfolds various paths evolved over the centuries in India for attaining liberation from the cycle of birth and death. It discusses the characteristics of human nature and the opportunity that human birth affords for God-realization. It also focuses on the crucial role of the Guru in guiding spiritual seekers in their journey. For those interested in understanding the core spiritual teachings as given in the ancient Hindu texts, this book will be of great help. English: Pathways To LiberationAuthor: K. Sankaranarayanan Category: Mysticism in World Religions Format: Paperback, 584 Pages Edition: 1st, 2016 ISBN: 978-93-89810-60-8 RSSB: HI-249-0 Price: USD 12 including shipping. Estimated price: EUR 11.36, GBP 9.86 |