Paltu Sahib
पलटू साहिब (सन्त पलटू)अध्यात्म विद्या के गुरु संत पलटू (1710-1780 ई.) उत्तरी भारत में रहनेवाले एक दुकानदार थे। इस पुस्तक में पहले पलटू साहिब के जीवन और उपदेश का वर्णन है और फिर उनके कई पद दिए गए हैं। पलटू साहिब ने जीवित सतगुरु के प्रति भक्ति-भाव, नाम के आंतरिक अभ्यास और प्रेम के विश्व-व्यापी मार्ग का उपदेश दिया है। आपने धार्मिक कट्टरता और कर्मकांड का खुलकर खंडन किया, जिसके कारण धार्मिक कट्टरपंथियों ने आपकी कुटिया को आग लगाकर आपको ज़िंदा जला दिया। आपकी प्रभावशाली वाणी में आपने प्रतिदिन के जीवन और कार्यों से जुड़ी उपमाएँ दी हैं। विरोधाभास से युक्त आपकी वाणी सुंदर और अति सशक्त है।A spiritual master and teacher, Paltu was a grocer of northern India who lived from 1710 to 1780. This volume gives an account of Paltu's life and teachings, along with the translation of many of his poems. He taught the universal mystic path of love, meditation on the inner Name, and devotion to the living spiritual Master. He was critical of orthodox religious practices and rituals, and for this he was ultimately burnt alive by the religious authorities. His eloquent poetry freely uses images drawn from his daily life and work, creating often paradoxical, beautifully crafted, and powerful works. English: Sant PaltuAuthor: Isaac A. Ezekiel Category: Mystic Tradition Format: Paperback, 312 Pages Edition: 9th, 2015 ISBN: 978-81-8466-411-9 RSSB: HI-028-0 Price: USD 9 including shipping. Estimated price: EUR 8.52, GBP 7.39 |