Seva
सेवा सेवा का अर्थ है ‘निस्स्वार्थ कार्य’। सेवा का मतलब केवल अपनी इच्छाओं और ज़रूरतों पर ध्यान देने के बजाय दूसरों की सेवा करना है। परमपिता के प्रति प्रेम और भक्ति भाव ही सेवा की नींव है। इस पुस्तक में अलग-अलग प्रकार की सेवा के अनेक पहलुओं तथा आपसी तालमेल, आत्मसंयम और हुक्म में रहने पर विचार किया गया है। साथ ही परस्पर सहयोग, सुनने के महत्त्व और संतुलन पर भी चर्चा की गई है और सबसे महत्त्वपूर्ण सेवा — भजन-सुमिरन के लिए प्रेरित किया गया है। Seva is literally ‘service’ or ‘selfless action’. Seva means serving others rather than focusing solely on our own wants and needs. The foundation of seva is love and devotion for the Father.This book explores the many different aspects and types of seva, and the need for harmony, self-discipline, and obedience; it illustrates helpful attitudes, the importance of listening and balance, and brings us to the most important seva of all -- meditation. English: SevaAuthor: Leena Chawla Rajan Category: RSSB Tradition: Other Authors Format: Paperback, 328 Pages Edition: 1st, 2022 ISBN: 978-81-19078-53-0 RSSB: HI-287-0 Price: USD 9 including shipping. Estimated price: EUR 8.52, GBP 7.39 |