Sant Bhima Bhoi
साईं बुल्लेशाहसंत भीमभोई (1850-1895) ओडीशा के एक महान संत कवि थे। उनके उपदेश में अध्यात्म के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है। उनकी काव्य रचनाओं में परमात्मा की प्राप्ति के साधन, आध्यात्मिक गुरु के महत्त्व, कर्म सिद्धांत, बहिर्मुखी धार्मिक क्रियाओं की असारता तथा मनुष्य जन्म का उद्देश्य आदि विषयों पर चर्चा की गई है। संत भीमभोई ने जाति, धर्म और स्त्री-पुरुष के भेदभाव से ऊपर उठने की प्रेरणा दी है। इसके साथ ही उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए सदाचारपूर्ण जीवन अपनाने की भी प्रेरणा दी है।Sant Bhima Bhoi (1850-1895) was a great poet-saint of Odisha. His teachings have focused on basic principles of spirituality. His poems speak of the way to realize God, the importance of a spiritual master, the law of karma, the futility of ritualistic practices and the purpose of human life. He urges us to rise above caste, creed and gender bias and follow a righteous way of life to gain spiritual awakening. Author: Prakash Chander Sahu & Niranjan MahantCategory: Mystic Tradition Format: Paperback, 176 Pages Edition: 1st, 2020 ISBN: 978-93-89810-08-0 RSSB: HI-274-0 Price: USD 6 including shipping. Estimated price: EUR 5.68, GBP 4.93 |