Sahjobai Aur Dayabai
सहजोबाई और दयाबाईसहजोबाई और दयाबाई दोनों संत चरनदास की शिष्या थीं। दोनों ने इस नश्वर संसार के मोह को त्यागकर हृदय में प्रभु का सच्चा प्रेम उत्पन्न करके ऊँचे उठने का उपदेश दिया है। हालाँकि आपने अपनी बानी में परमार्थ के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला है, परंतु इसमें गुरुप्रेम की प्रमुखता नज़र आती है। आपका दृढ़ विश्वास था कि अंतर में ध्यान स्थिर करने और सुरत-शब्द योग के मार्ग पर चलने की युक्ति सतगुरु से ही सीखी जा सकती है।Sahjobai and Dayabai were disciples of Sant Charandas. Their teachings emphasize rising above attachments of this transient world and imbibing true love of God in one’s heart. Though they have highlighted various aspects of spirituality, love for their Master is the core of their poetry. They stress that one can learn the technique of concentration and follow the path of Surat Shabd yoga only under the guidance of a Master.Author: Dr. T. R. ShangariCategory: Mystic Tradition Format: Paperback, 264 Pages Edition: 3rd, 2013 ISBN: 978-81-8466-239-9 RSSB: HI-242-0 Price: USD 7 including shipping. Estimated price: EUR 6.62, GBP 5.75 |