Marg Ki Khoj Mein
मार्ग की खोज मेंयह छोटी-सी पुस्तक स्वाभाविक और आत्मीयतापूर्ण शैली में लिखी गई है। इसमें 1940 के दशक में, एक अंग्रेज़ महिला का इस मार्ग से परिचित होने का तथा महाराज सावन सिंह जी से नाम प्राप्त करने का वृत्तांत दिया गया है। 1960 के दशक में उसकी अगली भारत यात्रा का वर्णन भी है जिसमें उसकी महाराज चरन सिंह जी से भेंट हुई। नम्रता और कोमल परिहास से पूर्ण इस पुस्तक में लेखिका की सतगुरुओं और साथी शिष्यों के साथ बिताए गए समय की स्मृतियाँ अंकित हैं। इसमें उन्होंने सतगुरुओं के सत्संगों का सारांश दिया है और उनके द्वारा बताई गई ख़ास-ख़ास बातों और संतमत की शिक्षा पर हुई चर्चाओं का उल्लेख भी किया है। इस रचना में निश्चिंत प्रसन्नता का आभास है, जो लेखिका को सतगुरु की उपस्थिति में महसूस हुआ।Written in an informal and intimate style, this short volume tells the story of a young Englishwoman's coming to the Path during the 1940s, her initiation by Maharaj Sawan Singh, and her subsequent visit to India in the 1960s when she met Maharaj Charan Singh. The book consists of personal recollections of her association with the Masters and fellow disciples, summaries and highlights of the Masters discourses, and discussions of the Sant Mat teachings. Her writing is saturated with humility and gentle humour and gives a taste of the carefree joy she experienced in the Master's presence. English: In Search of the WayAuthor: Flora E. Wood Category: RSSB Tradition: Other Authors Format: Paperback, 168 Pages Edition: 1st, 2004 ISBN: 978-81-8466-552-9 RSSB: HI-054-0 Price: USD 6 including shipping. Estimated price: EUR 5.68, GBP 4.93 |