Sant Dharnidas
संत धरनीदाससत्रहवीं शताब्दी में हुए संत धरनीदास का बिहार के संतों में एक प्रतिष्ठित स्थान है। इस पुस्तक का आधार धरनीदास जी की उपलब्ध वाणी है जिसमें मनुष्य जन्म के महत्त्व, इसके मुख्य उद्देश्य तथा परमात्मा की भक्ति पर विशेष बल दिया गया है। उनकी वाणी में हमें उनके आत्म-साक्षात्कार और अपने प्रियतम के विरह से उत्पन्न होने वाले गहन प्रेम का पता चलता है। संत धरनीदास ने प्रभु से मिलाप के लिए एक सच्चे गुरु की शरण लेने और उनके उपदेश पर अमल करने की आवश्यकता पर बल दिया है।Sant Dharni Das, a seventeenth-century mystic, has a high status among the Saints of Bihar. This book focuses on the available poetry of the Saint, which emphasizes the importance and the prime purpose of human birth and devotion to the Lord. In his bani, we learn of his realization and deep love emerging from the pangs of separation from the Beloved. Sant Dharni Das stresses the necessity of seeking refuge in and following the teachings of a true Guru to attain God-realization.Author: T.R.ShangariCategory: Mystic Tradition Format: Paperback, 160 Pages Edition: 1st, 2019 ISBN: 978-93-88733-14-4 RSSB: HI-267-0 Price: USD 6 including shipping. Estimated price: EUR 5.68, GBP 4.93 |