Nitnem ki Vaniyan aur Slok Mahala 9
नितनेम की वाणियाँ और सलोक महला 9इस पुस्तक में आदिग्रंथ की कुछ लोकप्रिय वाणियाँ—शब्द हज़ारे, रहिरास, सोहिला, जाप साहिब, अकाल उसतति के कुछ शब्द और सलोक महला ९—दी गई हैं। इनमें से कई वाणियाँ दैनिक प्रार्थना का हिस्सा हैं और इन्हें बहुत सम्मान प्राप्त है। यह पुस्तक पाठक को इन पवित्र वाणियों को समझने, इनके गहरे अर्थों पर विचार करने और इनकी शिक्षा के अनुसार जीवन बिताने में सहायक होगी।This book contains popular vanis such as Shabd Hazare, Rehras, Sohila, Jaap Sahib, some stanzas from Akal Ustat and Slok Mahla 9. Many of these vanis form part of the daily prayers for the devotees and have a widely admired status. This book will assist the reader to understand the revered vanis, reflect on their underlying meanings and act upon the message contained in them. Author: Dr. T. R. ShangariCategory: Mysticism in World Religions Format: Paperback, 288 Pages Edition: 1st. 2010 ISBN: 978-81-8256-876-1 RSSB: HI-222-0 Price: USD 7 including shipping. Estimated price: EUR 6.62, GBP 5.75 |