Satsang Sangreh IV
सत्संग संग्रह भाग - 4यह हुज़ूर महाराज चरन सिंह जी (1916-1990 ई.) के सत्संगों का संग्रह है। प्रत्येक सत्संग में संतमार्ग के मूल सिद्धांत, मनुष्य-जन्म का असली उद्देश्य तथा सच्चे और अनंत सुख की प्राप्ति का उपाय खोलकर समझाया गया है। अपनी बात को समझाने के लिए उन्होंने अन्य संतों की वाणी से उदाहरण पेश किए हैं जिससे उनके सत्संगों का दायरा बढ़कर विश्वव्यापी हो गया है। A collection of discourses by Maharaj Charan Singh (1916-1990). Each discourse is an exposition of the fundamentals of the path, the real purpose of human birth and how true and lasting happiness can be achieved. In illustrating his points, he brings quotes from other saints, thus expanding the universal reach of his discourses.Author: Maharaj Charan Singh JiCategory: RSSB Tradition: The Masters Format: Paperback, 296 Pages Edition: 2nd, 2002 ISBN: 978-93-89810-66-0 RSSB: HI-168-4 Price: USD 8 including shipping. Estimated price: EUR 7.57, GBP 6.57 |